क्या आपको पता है की दुनिया का सबसे ठंडा जगह कौन सा है? क्यूंकि दुनिया में हर जगह के मौसम का pattern अलग अलग है, क्योंकि हर जगह का Temperature एक तरह नहीं होता है कहीं तापमान बहुत कम होता है तो कहीं बहुत ज्यादा होता है और कहीं-कहीं तो कभी सूरज देखने को ही नहीं मिलता है जिसके वजह से वहां का जगह बर्फ का ढेर बन जाता है।
जिसके वजह से दुनिया में कुछ ऐसे भी जगह है जहां पर इतना ज्यादा ठंडा पड़ता है की वहां पर रहना मुश्किल हो जाता है लेकिन एक बात तो यह है कि जो लोग वहां रहते हैं उनको आदत हो जाती है और उनको ठंड से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन जो लोग घूमने जाते हैं यह जो लोग नए रहने जाते हैं वहां पर उन लोगों को वहां के ठंड से हालत खराब हो जाती है।
और वहां के ठंड के वजह से तो कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है। लेकिन फिर भी tourister वहां जाने से पीछे नहीं हटते हैं और हमेशा वो जाते रहते हैं। तो इस पोस्ट में हम ऐसे ही कुछ जगह के बारे में बताने वाले हैं जो कि दुनिया के सबसे ठंडी जगह में से एक है जहां पर अगर आप जाते हैं तो आप की मौत भी हो सकती है।
दुनिया का सबसे ठंडी जगह कौन सा है?
तो दोस्तों, चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि दुनिया का सबसे ठंडा जगह कौन सा है? मैं आपको दुनिया की सबसे ठंडी जगह के बारे में पूरी जानकारी दूंगा और उससे जुड़ी कुछ रोचक जानकारी भी देने की कोशिश करूंगा इसलिए आप हमारे इस पोस्ट को अंत तक पढ़ते रहे।
Antarctica दुनिया का सबसे ठंडा जगह
हमारे पृथ्वी पर सबसे ठंडी जगह अगर कोई है तो वह अंटार्टिका है, इससे ज्यादा ठंडी जगह दुनिया में कोई नहीं है यहां पर इतनी ठंड पड़ती है कि आप सोच भी नहीं सकते हैं अगर कोई नॉर्मल व्यक्ति जोकि 25⁰C या 30⁰C में रहने वाला व्यक्ति अगर Antarctica जाता है तो वहां पर रह नहीं सकता है क्योंकि वहां पर इतनी ठंड होती है जिससे उसकी मौत भी हो सकती है।
सातों महाद्वीप में सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका महाद्वीप है जो कि मानव बस्तियों से काफी दूर स्थित है और यह साल के लगभग हर महीनों में दुनिया के सबसे अधिक बर्फीले तूफान और बड़े-बड़े तैरते पहाड़ों से घिरा हुआ रहता है इसकी कुल क्षेत्रफल की बात करें तो यह करीब 1.4 करोड़ 1 किलोमीटर है। अगर क्षेत्रफल की दृष्टि से देखा जाए तो यह आस्ट्रेलिया से भी बड़ा है।
अंटार्टिका में बहुत कम बारिश होती है, जिससे कि अंटार्टिका को ठंड का रेगिस्तान माना जाता है, अंटार्टिका की औसत वार्षिक वृष्टि केवल 200 मिली मीटर है।
साल 1774 की बात है जब अंग्रेज अन्वेषक जेम्स कुक अंटार्टिका वृत्त के दक्षिण में किसी भूभाग खोज में निकल पड़ा था और उसे बर्फ का एक बहुत बड़ा विशालकाय दीवार मिले और उसने यह अनुमान लगाया कि हो सकता है कि इसके आगे जमीन होगी और उसका यह अनुमान सही भी था और वह अंटार्कटिका की दहलीज तक पहुंच गया था। पर स्वयं अंटार्टिका पर पैर रखने के लिए मानव को लगभग 75 वर्ष का समय और लगा।
आर्टिक और अंटार्टिका में काफी अंतर है, सबसे बड़ा अंतर तो यह है कि अंटार्टिका में आर्टिक से 6 गुना ज्यादा बर्फ है। यह इसीलिए है क्योंकि अंटार्टिका एक महाद्वीप है और 811 महासागर है अंटार्टिका में बर्फ की मोटाई लगभग एक 1,6 किलोमीटर है। अंटार्टिका का लगभग हर हिस्सा पहाड़ों और चोटियों से बना हुआ है।
अंटार्टिका का वातावरण बर्फीले हवाओं से हमेशा मुक्त रहता है अंटार्कटिका महाद्वीप में लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर खुली जमीन है और यहां का तापमान साल में केवल 20 बार ही 0 से ऊपर रहता है और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पृथ्वी की सतह पर मापा गया सबसे कम तापमान अंटार्टिका का ही है। सोवियत रूस द्वारा स्थापित किया गया वोस्टोक नामक शोधशाला में साल 1960 में तापमान -88.3⁰C मापा गया था।
अंटार्टिका के बारे में यह भी कहा जाता है कि ये पवनों की राजधानी है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर कभी-कभी 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती है जो की जमीन पर पड़े मिट्टी के कानों को भी काट कर उड़ा ले जाती है।
अंटार्टिका वैज्ञानिकों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि वैज्ञानिक यहां पर बहुत तरह के खोज करते रहते हैं जैसे कि वैज्ञानिकों ने यहां पृथ्वी की चुंबकीय विशेषताओं, मौसम, जीवों पर सौर विकिरण, सागरीय हलचलों के प्रभाव और साथ ही साथ भूगर्भ विज्ञान से संबंधित अनेक तरह के प्रयोग किए हैं।
अंटार्टिका में भारत सहित और भी अन्य देशों के केंद्र स्थापित है इन देशों में शामिल है, china, Brazil, Argentina, Korea Poland, Italy Peru, Sweden, America, Russia आदि।
यहां पर भारत के द्वारा स्थापित किया गया पहला पड़ाव का नाम दक्षिण गंगोत्री था और जब यह पड़ाव पानी के नीचे आ गया था तो मैत्री नामक दूसरा पड़ाव साल 1980 में स्थापित किया गया था।
अंटार्टिका महाद्वीप हमेशा से प्रदूषण से मुक्त है लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने वहां के बर्फ के रेत में प्लास्टिक, कागज आदि कचरे खोज निकाले हैं जो कि वहां के स्थापित वैज्ञानिक शिविरों से पैदा हुए हैं।
वैज्ञानिक का यह भी कहना है कि अंटार्टिका के बर्फीले इलाके में लगभग 900 से भी ज्यादा पदार्थों की महत्वपूर्ण खान मौजूद है जिस में शामिल है शीशा, तांबा और यूरेनियम।
दोस्तों, करीब 53 साल लाख पहले अंटार्टिका महाद्वीप ठंडा नहीं हुआ करता था बल्कि यह बहुत ज्यादा गर्म हुआ करता था और यहां की गर्मी की वजह से खजूर के पेड़ आसानी से उग जाते थे उस वक्त अंटार्कटिका का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहता था।
अंटार्टिका महाद्वीप जो कि दुनिया का सबसे ठंडा स्थान है लेकिन इतनी ठंड होने के बावजूद भी यहां पर अलग-अलग प्रकार के फंगी (fungi) पाए जाते हैं।
दोस्तों, आपने यह तो सुना ही होगा कि जितने ज्यादा ठंड रहते हैं वहां पर Polar Bear भी पाए जाते हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अंटार्टिका में इतनी ठंड पड़ने के बावजूद भी वहां पर एक भी Polar Bear देखने को नहीं मिलता है अगर आपको Polar Bear देखना होगा तो आपको Arctic या Canada जाना पड़ेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंटार्कका महाद्वीप में एक Vostok नमक स्टेशन भी है, 21 july 1983 में इस स्टेशन पर अभी तक धरती का सबसे कम तापमान 128.56 डिग्री फेरनहाइट मापा गया था।
अंटार्टिका महाद्वीप का 99% हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है, और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो ग्लेशियर इन महाद्वीप को ढके रहते हैं उसको ‘ice sheet’ कहा जाता है।
Last Word
तो दोस्तों, i hope की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी और आपको सारी जानकारी समझ में भी आ गई होगी, आज के इस पोस्ट में अपने जाना कि दुनिया का सबसे ठंडा जगह कौन सा है? अगर आपको इस पोस्ट को समझने में या पढ़ने में किसी भी तरह की दिक्कत आई हो तो आप हमसे बेझिझक कमेंट में पूछ सकते हैं।
अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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